प्रोटीन के चौकानेवाले फायदे।
प्रोटीन अणुओं का एक जटिल समूह है जो शरीर में सभी जरूरी काम करता है. ये बाल, नाखून, हड्डियों और मांसपेशियों को बनाता है. प्रोटीन ऊतकों और अंगों को उनका आकार देता है और उन्हें उनका काम करने में मदद करता है. आइए जानते हैं कि प्रोटीन शरीर के लिए क्यों जरूरी है और ये शरीर को किस तरह फायदा पहुंचाता है.
प्रोटीन या प्रोभूजिन एक जटिल भूयाति युक्त कार्बनिक पदार्थ है जिसका गठन कार्बन, हाइड्रोजन, आक्सीजन एवं नाइट्रोजन तत्वों के अणुओं से मिलकर होता है। कुछ प्रोटीन में इन तत्वों के अतिरिक्त आंशिक रूप से गंधक, जस्ता, ताँबा तथा फास्फोरस भी उपस्थित होता है।
तत्काल एनर्जी देता है- मोटे तौर पर शरीर को एनर्जी कार्बोहाइड्रेट और फैट से मिलती है लेकिन अगर आप वेट लॉस के लिए कम कैलोरी ले रहे हैं, या फिर आप एक एथलीट हैं तो प्रोटीन आप को वही एनर्जी देने का काम करता है.ओट्स खाने से ना सिर्फ शरीर को एनर्जी और स्टैमिना मिलती है, बल्कि दिल भी हेल्दी बना रहता है. यह कोलेस्ट्रॉल लेवल को कंट्रोल में रखता है. एवोकाडो का सेवन लोग काफी कम करते हैं, लेकिन आपको इंस्टैंट एनर्जी चाहिए, तो यह फल खाना शुरू कर दें. साथ ही यह शरीर को कई आवश्यक विटामिंस जैसे विटामिन ए, ई भी प्रदान करता है.
मांसपेशियों को बनाताहै- मांसपेशियों के साइज और शेप को बनाए रखने के लिए प्रोटीन की जरूरत होती है. वजन घटाने के दौरान प्रोटीन मांसपेशियों को कमजोर होने से बचाता है. अगर आप ताकत के लिए वजन उठाते हैं, तो इसमें प्रोटीन की अहम भूमिका है क्योंकि ये आपके मांसपेशियों को मजबूत बनाने का काम करता है.
मांसपेशी में कमज़ोरी पहले
मांसपेशियों में कमजोरी तब होती है जब आपका पूरा प्रयास सामान्य मांसपेशियों के संकुचन या गति का उत्पादन नहीं करता है। इसे कम मांसपेशियों की ताकत, मांसपेशियों की कमजोरी, कमजोर मांसपेशियों के रूप में भी जाना जाता है। चाहे आप बीमार हों या बस आराम की जरूरत हो, अल्पकालिक मांसपेशियों की कमजोरी लगभग हर किसी को कभी न कभी होती है।
मांसपेशियों की कमजोरी क्या है?
मांसपेशियों की कमजोरी मांसपेशियों की ताकत की कमी है। इसके कारण कई हैं और उन स्थितियों में विभाजित किया जा सकता है जिनमें वास्तविक या कथित मांसपेशियों की कमजोरी होती है। गंभीर मांसपेशियों की कमजोरी, जैसे मस्कुलर डिस्ट्रॉफी और इंफ्लेमेटरी मायोपैथी, कंकाल की मांसपेशियों की विभिन्न बीमारियों का प्राथमिक संकेत है। यह न्यूरोमस्कुलर जंक्शन के विकारों में होता है, जैसे मायस्थेनिया ग्रेविस। मांसपेशियों की कमजोरी मांसपेशियों की कोशिकाओं के भीतर पोटेशियम और अन्य इलेक्ट्रोलाइट्स के निम्न स्तर के कारण भी हो सकती है।
यह एक अंतर्निहित स्वास्थ्य स्थिति का लक्षण हो सकता है यदि आप स्पष्ट कारण या सामान्य स्पष्टीकरण के बिना पुरानी मांसपेशियों की कमजोरी या मांसपेशियों की कमजोरी का अनुभव करते हैं।
जब आपका मस्तिष्क आपकी रीढ़ की हड्डी और तंत्रिकाओं के माध्यम से एक मांसपेशी को संकेत देता है, तो स्वैच्छिक मांसपेशी संकुचन आमतौर पर उत्पन्न होते हैं।
यदि आपका मस्तिष्क, तंत्रिका तंत्र, मांसपेशियां, या उनके बीच के संबंध घायल हैं या बीमारी से प्रभावित हैं, तो आपकी मांसपेशियां सामान्य रूप से अनुबंधित नहीं हो सकती हैं। इससे मांसपेशियों में कमजोरी हो सकती है।
हड्डियों को मजबूत करता है- स्टडीज के अनुसार, प्रोटीन की सही मात्रा हड्डियों की सेहत में सुधार करती है. ये ऑस्टियोपोरोसिस की संभावना को कम करता है. ये हड्डियों के घनत्व को बनाए रखता है और बढ़ती उम्र में इन्हें कमजोर होने से बचाता है.कैल्शियम के अलावा, हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है, मैग्नीशियम और फॉस्फोरस. मैग्नीशियम शरीर को कैल्शियम को अवशोषित करने और हड्डियों को मजबूत रखने में मदद करता है. पाचन में सहायता के अलावा, केला मैग्नीशियम का एक शानदार सोर्स है. हड्डियों और दांतों के निर्माण के लिए विटामिन महत्वपूर्ण है.
इम्यून सिस्टम के लिए जरूरी- प्रोटीन अमीनो एसिड से बने होते हैं. ये कंपाउंड इम्यून सिस्टम के लिए जरूरी होते हैं. ये इम्यून सिस्टम में टी सेल्स, बी सेल्स और एंटीबॉडी बनाते हैं जो शरीर में इंफेक्शन फैलाने वाली हानिकारक कोशिकाओं की पहचान कर उन्हें खत्म करते हैं.
बार-बार खाने की इच्छा कम करता है- अगर आपको बार-बार कुछ ना कुछ खाने की इच्छा होती है तो ये शरीर के लिए जरूरी भूख से अलग है. ये इच्छा आपके दिमाग से आती है ना कि पेट से. शोध से पता चलता है कि ज्यादा प्रोटीन बार-बारे खाने की लालसा को कम करता है. ये देर रात में लगने वाली भूख से भी बचाता है.
फैट बर्न करता है- डाइट में प्रोटीन की उच्च मात्रा मेटाबॉलिज्म बढ़ाती है. इसका मतलब है कि आप एक दिन में कई कैलोरी बर्न करते हैं, यहां तक कि अगर आप आराम करते हैं तो भी. वहीं डाइट में कम प्रोटीन लेने से फैट आसानी से कम नहीं होता है.
दिल की मदद करता है- स्टडीज के अनुसार प्रोटीन, खासतौर से प्लांट प्रोटीन ब्लड प्रेशर कम करने का काम करता है. ये LDL या बैड कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी कम करता है, जिससे दिल की बीमारी की संभावना कम होती है.
घाव को भरता है- प्रोटीन ऊतकों और अंगों का निर्माण करता है. ये शरीर के घावों को तेजी से भरने में मदद करता है. प्रोटीन सूजन को कम कर और चोट वाली जगह पर नए ऊतक बनाकर घाव भरता है.
शरीर में पोषक तत्वों को पहुंचाता है- प्रोटीन के जरिए ही विटामिन, मिनरल्स, शुगर, कोलेस्ट्रॉल और ऑक्सीजन शरीर के ऊतकों और कोशिकाओं में पहुंचते हैं. कुछ प्रोटीन में आयरन जैसे कुछ खास पोषक तत्व भी मौजूद होते हैं. जब भी शरीर को इसकी जरूरत होती है, ये बैकअप की तरह काम करते हैं
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Hi