लापरवाही और अस्वास्थ्यकर खान-पान के कारण दुर्घटना के रोगी बढ़ रहे हैं।डायबिटीज के मरीज बढ़ते जा रहे हैं।बदलती जीवनशैली और अनहेल्दी फूड्स के कारण डायबिटीज के मरीज बढ़ते जा रहे हैं। यह बीमारी सेहत को बुरी तरह प्रभावित करती है, लेकिन लाइफस्टाइल और डाइट में बदलाव कर शुगर को कंट्रोल किया जा सकता है। डायबिटीज के मरीजों को प्रोटीन और फाइबर युक्त फूड्स खाने की सलाह दी जाती है, साथ ही ब्लड शुगर समान्य रखने के लिए मीठी चीजे खाने से परहेज कर सकते हैं। डायबिटीज डाइट में रोटी के लिए कई ऑप्शन मौजूद हैं। अगर आप डायबिटीज के मरीज हैं, तो गेहूं के आटे की जगह इन चार तरह के आटे का इस्तेमाल कर सकते हैं। आइए जानें…
1.जौ का आटा
जौ का आटा गेहूं की तुलना में शरीर को फिट रखने के लिए काफी मददगार है।इसमें उच्च मात्रा में प्रोटीन, कैल्शियम और आहार फाइबर पाए जाते हैं। जो मधुमेह रोगी के लिए लाभ होते हैं। यह शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद करता है। झौंक के साथ बनी हुई रोटी, परांठा, दलिया आदि को डाइटिंग में शामिल किया जा सकता है।
2.रागी का आटा
रागी फाइबर का एक समृद्ध स्रोत है। मधुमेह के रोगी अपनी डाइट में रागी की संकुचन की रोटी को शामिल कर सकते हैं। यह ब्लड शुगर को सामान्य रखने में मदद करता है साथ ही इसके सेवन से वजन को भी नियंत्रित किया जा सकता है। रागी के सेवन से पेट ज्यादा देर तक महसूस होता है और आप ज्यादा खाने से बचते हैं।
डायबिटीज डाइट में कुट्टु का आटा भी शामिल कर सकते हैं। इस आटे की रोटी डायबिटीज के मरीजों के लिए काफी फायदेमंद है, साथ ही यह वजन कंट्रोल करने में भी सहायक है।
चने के आटे का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है। यह डाइबिटीज के मरीजों के लिए बहुत ही गुणकारी माना जाता है। यह शुगर लेवल को समान्य रखने में मदद करता है। डायबिटीज डाइट में चने के आटे की रोटी शामिल कर सकते हैं।
बेसन का ग्लाइसेमिक कम होता है। शाकाहारी लोगों के लिए यह काफी लाभकारी माना जाता है। यह शुगर लेवल को सामान्य रखने में मदद करता है। डाइटिंग में बेसन की रोटी को शामिल किया जा सकता है।
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